Article 243 X of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:44:37
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243X
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243X
अनुच्छेद 243X भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह नगरपालिकाओं द्वारा कर, शुल्क, और निधियों का प्रबंधन(Power to impose taxes by, and Funds of, the Municipalities) से संबंधित है। यह प्रावधान नगरपालिकाओं को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करता है ताकि वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से निष्पादित कर सकें। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा
(क) नगरपालिकाओं को कर, शुल्क, और फीस लगाने और वसूलने का प्राधिकार दे सकता है;
(ख) नगरपालिकाओं को निधियाँ सौंप सकता है;
(ग) नगरपालिकाओं के लिए निधियों का उपयोग और प्रबंधन करने के लिए उपबंध कर सकता है;
(घ) ऐसी निधियों का लेखा-परीक्षण करने के लिए उपबंध कर सकता है;
परंतु यह कि इस प्रकार लगाए गए कर, शुल्क, और फीस इस संविधान के उपबंधों के अधीन होंगे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243X नगरपालिकाओं को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करता है, जिससे वे कर, शुल्क, और फीस लगाने, निधियों का प्रबंधन करने, और उनके लेखा-परीक्षण की व्यवस्था कर सकें। यह सुनिश्चित करता है कि नगरपालिकाएँ अपने कार्यों(जैसे, स्वच्छता, जल आपूर्ति) के लिए वित्तीय संसाधन जुटा सकें। इसका लक्ष्य शहरी स्वशासन को सशक्त करना, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना, और संघीय ढांचे में स्थानीय निकायों की वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जो अनुच्छेद 243I(पंचायतों की वित्तीय शक्तियाँ) से प्रेरित है। यह शहरी शासन में वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ाने के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, नगरपालिकाओं को वित्तीय संसाधनों की कमी और राज्य पर निर्भरता का सामना करना पड़ता था। इस संशोधन ने उन्हें वित्तीय स्वायत्तता दी। प्रासंगिकता: यह प्रावधान शहरी क्षेत्रों में प्रभावी प्रशासन और विकास के लिए वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 243X के प्रमुख तत्व
खंड(क): कर, शुल्क, और फीस: राज्य विधानमंडल नगरपालिकाओं को कर(जैसे, संपत्ति कर), शुल्क(जैसे, जल शुल्क), और फीस(जैसे, लाइसेंस फीस) लगाने और वसूलने का अधिकार दे सकता है। यह वित्तीय स्वायत्तता का आधार है। उदाहरण: 2025 में, दिल्ली नगर निगम द्वारा संपत्ति कर और पार्किंग शुल्क की वसूली।
खंड(ख): निधियाँ: नगरपालिकाओं को निधियाँ सौंपी जा सकती हैं, जैसे केंद्र या राज्य सरकार से अनुदान। उदाहरण: 2025 में, मुंबई नगर निगम को स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए केंद्र से निधि।
खंड(ग): निधियों का प्रबंधन: नगरपालिकाएँ अपनी निधियों का उपयोग और प्रबंधन कर सकती हैं। यह वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करता है। उदाहरण:
ऐतिहासिक उदाहरण: 1993 के बाद: नगरपालिकाओं शक्तियाँ दी गईं। 2000 के दशक: नगरपालिकाओं द्वारा निधि प्रबंधन और लेखा-परीक्षण शुरू। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में कर वसूली और निधि प्रबंधन का डिजिटल रिकॉर्ड।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243I: पंचायतों की वित्तीय शक्तियाँ। अनुच्छेद 243W: नगरपालिकाओं की शक्तियाँ। अनुच्छेद 243Y: वित्त आयोग।
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jp Singh
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