Article 243 U of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:39:49
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243U
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243U
अनुच्छेद 243U भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह नगरपालिकाओं की अवधि(Duration of Municipalities, etc.) से संबंधित है। यह प्रावधान नगरपालिकाओं की अवधि, उनके भंग होने, और पुनर्गठन से संबंधित नियमों को नियंत्रित करता है ताकि शहरी स्थानीय शासन में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित हो। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) प्रत्येक नगरपालिका, जब तक कि इसे इस संविधान के किसी उपबंध के अधीन पहले भंग न किया जाए, अपनी प्रथम बैठक की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक बनी रहेगी और इसके बाद नहीं।
(2) कोई नगरपालिका भंग होने पर, छह मास की अवधि के भीतर उसका पुनर्गठन करने के लिए निर्वाचन आयोजित किया जाएगा।
(3) यदि कोई नगरपालिका भंग होती है, तो उसकी शेष अवधि के लिए निर्वाचित नगरपालिका बनी रहेगी, परंतु यह अवधि पाँच वर्ष से अधिक नहीं होगी।
(4) यदि कोई नगरपालिका इस संविधान के किसी उपबंध के अधीन भंग होती है, तो उसकी शेष अवधि के लिए निर्वाचन राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि के अनुसार आयोजित किए जाएँगे।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243U नगरपालिकाओं की अवधि को पाँच वर्ष निर्धारित करता है और उनके भंग होने या पुनर्गठन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि शहरी शासन में निरंतरता हो और भंग होने की स्थिति में शीघ्र पुनर्गठन हो। इसका लक्ष्य शहरी स्वशासन में लोकतांत्रिक स्थिरता, निरंतरता, और संघीय ढांचे में स्थानीय निकायों की स्वायत्तता सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जो अनुच्छेद 243E(पंचायतों की अवधि) से प्रेरित है। यह शहरी शासन में नियमित निर्वाचन और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, नगरपालिकाओं की अवधि और पुनर्गठन की प्रक्रिया असमान थी। इस संशोधन ने इसे संवैधानिक और एकरूप बनाया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान शहरी क्षेत्रों में लोकतांत्रिक शासन की निरंतरता सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 243U के प्रमुख तत्व
खंड(1): पाँच वर्ष की अवधि: प्रत्येक नगरपालिका की अवधि पाँच वर्ष होगी, जो इसकी प्रथम बैठक की तारीख से शुरू होगी। इसे संविधान के किसी उपबंध के तहत पहले भंग किया जा सकता है। उदाहरण: 2025 में, दिल्ली नगर निगम की अवधि 2020 में गठन के बाद 2025 तक।
खंड(2): पुनर्गठन: यदि कोई नगरपालिका भंग होती है, तो छह मास के भीतर इसका पुनर्गठन करने के लिए निर्वाचन आयोजित होगा। यह शासन में रिक्तता को रोकता है।
छह मास: पुनर्गठन समय।निर्वाचन नियम। निरंतरता: शासन स्थिरता।
भंग होने पर राज्य का अत्यधिक नियंत्रण।न्यायिक समीक्षा: भंग करने की की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243E: पंचायतों की अवधि। अनुच्छेद 243Q: नगरपालिकाओं का गठन। अनुच्छेद 243R: नगरपालिकाओं की संरचना।
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jp Singh
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