Article 243 T of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:38:30
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243T
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243T
अनुच्छेद 243T भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह नगरपालिकाओं में सीटों का आरक्षण(Reservation of seats) से संबंधित है। यह प्रावधान अनुसूचित जातियों(SC), अनुसूचित जनजातियों(ST), और महिलाओं के लिए नगरपालिकाओं में सीटों के आरक्षण को सुनिश्चित करता है ताकि शहरी शासन में समावेशी प्रतिनिधित्व हो। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए नगरपालिकाओं में सीटें आरक्षित की जाएँगी, और ऐसी सीटों की संख्या उनकी जनसंख्या के अनुपात में होगी, जैसा कि नवीनतम जनगणना के आधार पर निर्धारित हो।
(2) प्रत्येक नगरपालिका में कुल सीटों का एक-तिहाई से कम नहीं महिलाओं के लिए आरक्षित होगा, जिसमें अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें शामिल हैं।
(3) इस अनुच्छेद में कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल को अन्य पिछड़े वर्गों(OBC) के लिए सीटें आरक्षित करने से नहीं रोकेगी।
(4) नगरपालिकाओं के अध्यक्षों के पदों का आरक्षण, जैसा कि राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि में उपबंधित हो।
(5) इस अनुच्छेद के अधीन आरक्षण राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि द्वारा निर्धारित होगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243T नगरपालिकाओं में अनुसूचित जातियों(SC), अनुसूचित जनजातियों(ST), और महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करता है। यह अन्य पिछड़े वर्गों(OBC) के लिए भी आरक्षण का प्रावधान देता है। इसका लक्ष्य शहरी शासन में समावेशी प्रतिनिधित्व, सामाजिक न्याय, और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जो अनुच्छेद 243D(पंचायतों में आरक्षण) से प्रेरित है। यह सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, शहरी निकायों में हाशिए के समुदायों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व सीमित था। इस संशोधन ने इसे संवैधानिक रूप से अनिवार्य किया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान शहरी शासन में सामाजिक और लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
अनुच्छेद 243T के प्रमुख तत्व
खंड(1): SC/ST के लिए आरक्षण: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित होंगी। जनसंख्या का निर्धारण नवीनतम जनगणना के आधार पर होगा। उदाहरण: 2025 में, दिल्ली नगर निगम में SC/ST जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित।
खंड(2): महिलाओं के लिए आरक्षण: प्रत्येक नगरपालिका में कुल सीटों का एक-तिहाई से कम नहीं महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। इसमें SC/ST महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें शामिल हैं। उदाहरण: मुंबई नगर निगम में 2025 में 33% से अधिक सीटें महिलाओं के लिए।
खंड(3): OBC के लिए आरक्षण: राज्य विधानमंडल अन्य पिछड़े वर्गों(OBC) के लिए सीटें आरक्षित कर सकता है। यह सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए लचीलापन प्रदान करता है। उदाहरण: महिलाएँ: एक-तिहाई सीटें। OBCषण। अध्यक्ष: आरक्षित पद।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1993 के बाद: नगरपालिकाओं में SC/ST और महिलाओं के लिए आरक्षण लागू। 2000 के दशक: कई राज्यों में OBC आरक्षण शुरू।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243D: पंचायतों में आरक्षण। अनुच्छेद 243Q: नगरपालिकाओं का गठन। अनुच्छेद 243R: नगरपालिकाओं की संरचना।
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