Article 243 Q of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:34:24
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243Q
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243Q
अनुच्छेद 243Q भारतीय संविधान के भाग IX-A(नगरपालिकाएँ) में आता है। यह नगरपालिकाओं का गठन(Constitution of Municipalities) से संबंधित है। यह प्रावधान शहरी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की नगरपालिकाओं के गठन और उनकी संरचना को नियंत्रित करता है। यह अनुच्छेद 74वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) प्रत्येक राज्य में निम्नलिखित प्रकार की नगरपालिकाएँ गठित की जाएँगी:
(क) नगर पंचायत, जो ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में परिवर्तन के क्षेत्र के लिए होगी;
(ख) नगर पालिका परिषद, जो छोटे शहरी क्षेत्र के लिए होगी;
(ग) नगर निगम, जो बड़े शहरी क्षेत्र के लिए होगी।
परंतु यह कि कोई नगरपालिका तब तक गठित नहीं होगी जब तक कि उस क्षेत्र की जनसंख्या, नगरपालिका के गठन के लिए आवश्यक न्यूनतम जनसंख्या से कम न हो, जैसा कि राज्य के विधान-मंडल द्वारा निर्धारित हो।
(2) इस अनुच्छेद में कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल को यह उपबंध करने से नहीं रोकेगी कि एक से अधिक नगरपालिकाएँ एक ही क्षेत्र में गठित हों या एक नगरपालिका को भंग या संशोधित किया जाए।
(3) इस अनुच्छेद में कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल को यह उपबंध करने से नहीं रोकेगी कि इस भाग के उपबंध किसी केंद्र शासित प्रदेश पर लागू हों।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243Q शहरी क्षेत्रों में नगरपालिकाओं के गठन और उनके प्रकारों को परिभाषित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि शहरी स्थानीय शासन की संरचना क्षेत्र की जनसंख्या और विशेषताओं के अनुसार हो। इसका लक्ष्य शहरी स्वशासन को सशक्त करना, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देना, और संघीय ढांचे में स्थानीय निकायों की स्वायत्तता सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 74वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जिसने नगरपालिकाओं को संवैधानिक आधार दिया। यह अनुच्छेद 243C(पंचायतों की संरचना) से प्रेरित है। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, शहरी स्थानीय निकायों की संरचना असमान थी और कई क्षेत्रों में अपर्याप्त थी। इस संशोधन ने इसे व्यवस्थित और संवैधानिक बनाया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान शहरी क्षेत्रों में प्रभावी शासन और विकास को बढ़ावा देता है।
अनुच्छेद 243Q के प्रमुख तत्व
खंड(1): नगरपालिकाओं के प्रकार: प्रत्येक राज्य में तीन प्रकार की नगरपालिकाएँ गठित की जाएँगी: नगर पंचायत: ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में परिवर्तन के लिए। नगर पालिका परिषद: छोटे शहरी क्षेत्रों के लिए। नगर निगम: बड़े शहरी क्षेत्रों के लिए। गठन के लिए न्यूनतम जनसंख्या की शर्त राज्य विधानमंडल द्वारा निर्धारित होगी। उदाहरण: 2025 में, उत्तर प्रदेश में नई नगर पंचायतें ग्रामीण-शहरी परिवर्तन क्षेत्रों में गठित।
खंड(2): लचीलापन: राज्य विधानमंडल को यह अधिकार है कि वह एक क्षेत्र में एक से अधिक नगरपालिकाएँ गठित करे या किसी नगरपालिका को भंग/संशोधित करे। यह स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार लचीलापन प्रदान करता है। उदाहरण: दिल्ली में एक से अधिक नगर निगम(उत्तर, दक्षिण, पूर्व)।
राज्य विधानमंडल को स्थानीय अनुकू000 के दशक: बड़े शहरों मेंविस्तार। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में नगरपालिका गठन और कार्यवाही का डिजिटल रिकॉर्ड।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243P: परिभाषाएँ। अनुच्छेद 243R: नगरपालिकाओं की संरचना। अनुच्छेद 243S: वार्ड समितियाँ।
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