Recent Blogs

Article 243 N of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-04 13:29:04
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243N

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243N
अनुच्छेद 243N भारतीय संविधान के भाग IX(पंचायत) में आता है। यह पंचायतों से संबंधित मौजूदा विधियों की निरंतरता(Continuance of existing laws and Panchayats) से संबंधित है। यह प्रावधान 73वें संशोधन के लागू होने के बाद मौजूदा पंचायतों और उनसे संबंधित विधियों की स्थिति को स्पष्ट करता है। यह अनुच्छेद 73वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"इस संविधान(तिहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 के प्रारंभ के ठीक पहले विद्यमान किसी विधि के उपबंध, जो इस भाग के उपबंधों के असंगत हैं, इस संशोधन के प्रारंभ से एक वर्ष तक या जब तक उसका संशोधन या निरसन नहीं हो जाता, तब तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेंगे।
इसके अतिरिक्त, इस संशोधन के प्रारंभ के ठीक पहले विद्यमान सभी पंचायतें तब तक बनी रहेंगी, जब तक उनकी अवधि समाप्त नहीं हो जाती या उन्हें इस भाग के उपबंधों के अनुरूप बनाए गए किसी विधान-मंडल की विधि द्वारा पहले भंग नहीं कर दिया जाता।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243N 73वें संशोधन के लागू होने के बाद मौजूदा पंचायतों और विधियों की स्थिति को स्पष्ट करता है। यह सुनिश्चित करता है कि पुरानी विधियाँ और पंचायतें एक निश्चित अवधि तक प्रभावी रहें, जब तक कि वे संशोधन के अनुरूप न हों या भंग न हो जाएँ। इसका लक्ष्य पंचायती राज की नई संवैधानिक व्यवस्था में सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करना और लोकतांत्रिक निरंतरता बनाए रखना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 73वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया, जिसने पंचायती राज को संवैधानिक आधार दिया। यह पुरानी और नई व्यवस्थाओं के बीच अंतर को समन्वयित करने के लिए बनाया गया। भारतीय संदर्भ: 1992 से पहले, विभिन्न राज्यों में पंचायतों और उनसे संबंधित विधियों में असमानता थी। यह प्रावधान परिवर्तन को व्यवस्थित करता है। प्रासंगिकता: यह प्रावधान पुरानी व्यवस्था को संवैधानिक ढांचे में समायोजित करता है।
अनुच्छेद 243N के प्रमुख तत्व
मौजूदा विधियों की निरंतरता: 73वें संशोधन के लागू होने से पहले की कोई भी विधि, जो भाग IX के प्रावधानों से असंगत हो, अधिकतम एक वर्ष तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि में विधि को संशोधित या निरसन करना होगा। उदाहरण: 1993 में, उत्तर प्रदेश ने अपनी पंचायत विधि को संशोधन के अनुरूप बनाया।
मौजूदा पंचायतों की निरंतरता: संशोधन के लागू होने से पहले गठित पंचायतें अपनी मूल अवधि तक या जब तक नई विधि द्वारा भंग न हों, तब तक बनी रहेंगी। यह सुनिश्चित करता है कि शासन में रिक्तता न हो। उदाहरण: 1993 में, बिहार की मौजूदा पंचायतें अपनी अवधि तक कार्य करती रहीं।
महत्व: सुचारु परिवर्तन: पुरानी और नई पंचायती व्यवस्था में समन्वय। निरंतरता: शासन में कोई रुकावट नहीं। लोकतांत्रिक शासन: पंचायतों की संवैधानिक स्थिति। संघीय ढांचा: केंद्र, राज्य, और स्थानीय निकायों में समन्वय।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer