Article 243 M of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 13:27:53
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243M
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243M
अनुच्छेद 243M भारतीय संविधान के भाग IX(पंचायत) में आता है। यह कुछ क्षेत्रों में इस भाग के लागू न होने(Part not to apply to certain areas) से संबंधित है। यह प्रावधान कुछ विशिष्ट क्षेत्रों, जैसे अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों, में भाग IX के प्रावधानों को लागू न करने या संशोधनों के साथ लागू करने की व्यवस्था करता है। यह अनुच्छेद 73वें संशोधन(1992) के द्वारा जोड़ा गया, जिसने पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
"(1) इस भाग की कोई बात निम्नलिखित पर लागू नहीं होगी:
(क) अनुच्छेद 244 के खंड(2) और पंचम अनुसूची के अधीन अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र;
(ख) मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, और नागालैंड राज्य;
(ग) वह जिला, जो दार्जिलिंग गोर्खा पर्वतीय परिषद के अधीन है।
(2) उपखंड(1) में कोई बात संसद को यह उपबंध करने से नहीं रोकेगी कि इस भाग के प्रावधान कुछ अपवादों या संशोधनों के साथ उपरोक्त क्षेत्रों पर लागू होंगे।
(3) संसद, विधि द्वारा, इस भाग के प्रावधानों को उपखंड(1) में वर्णित क्षेत्रों पर विस्तारित कर सकती है और ऐसा करते समय आवश्यक अपवाद और संशोधन कर सकती है।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 243M कुछ विशिष्ट क्षेत्रों, जैसे अनुसूचित क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र, और कुछ राज्यों में भाग IX(पंचायती राज) के प्रावधानों को लागू न करने की व्यवस्था करता है। यह संसद को अधिकार देता है कि वह इन क्षेत्रों में प्रावधानों को संशोधनों के साथ लागू करे। इसका लक्ष्य स्थानीय परंपराओं और स्वायत्तता का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को संतुलित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 73वें संशोधन(1992) द्वारा जोड़ा गया। यह अनुच्छेद 244 और पंचम/छठी अनुसूची से प्रेरित है, जो अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष शासन व्यवस्था प्रदान करते हैं। भारतीय संदर्भ: कुछ क्षेत्रों में परंपरागत शासन व्यवस्थाएँ(जैसे, जनजातीय परिषदें) थीं, जिन्हें पंचायती राज से अलग रखने की आवश्यकता थी। प्रासंगिकता: यह प्रावधान जनजातीय और विशेष क्षेत्रों की स्वायत्तता को संरक्षित करता है।
अनुच्छेद 243M के प्रमुख तत्व
खंड(1): लागू न होने वाले क्षेत्र: भाग IX के प्रावधान निम्नलिखित पर लागू नहीं होंगे: अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र: अनुच्छेद 244(2) और पंचम अनुसूची के तहत। विशिष्ट राज्य: मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, और नागालैंड। दार्जिलिंग: दार्जिलिंग गोर्खा पर्वतीय परिषद क्षेत्र। उदाहरण: 2025 में, मिजोरम में पारंपरिक जनजातीय शासन के कारण पंचायती राज लागू नहीं।
खंड(2): संसद की शक्ति: संसद विधि द्वारा भाग IX के प्रावधानों को इन क्षेत्रों पर अपवादों या संशोधनों के साथ लागू कर सकती है। यह क्षेत्रीय विशिष्टताओं के लिए लचीलापन प्रदान करता है। उदाहरण: संसद ने मेघालय में संशोधित पंचायती व्यवस्था लागू की।
खंड(3): प्रावधानों का विस्तार: संसद विधि द्वारा भाग IX को इन क्षेत्रों में विस्तारित कर सकती है, जिसमें आवश्यक संशोधन शामिल हों। उदाहरण: 1996 में, पंचायती राज का विस्तार कुछ जनजातीय क्षेत्रों में संशोधनों के साथ किया गया।
महत्व: क्षेत्रीय स्वायत्तता: जनजातीय और विशेष क्षेत्रों की परंपराओं का सम्मान। लचीलापन: संसद द्वारा संशोधन का अधिकार। लोकतांत्रिक शासन: उपयुक्त क्षेत्रों में पंचायती राज। संघीय ढांचा: केंद्र और स्थानीय निकायों में समन्वय।
चुनौतियाँ और विवाद: कार्यानीतिक परिदृश्य: NDA औरन के बीच जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्तता पर बहस।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 243L: केंद्र शासित प्रदेश। अनुच्छेद 244: अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र। पंचम/छठी अनुसूची: विशेष शासन।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781