Article 240 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 12:59:45
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 240
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 240
अनुच्छेद 240 भारतीय संविधान के भाग VIII(केंद्रशासित प्रदेश) में आता है। यह केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति(Power of President to make regulations for certain Union territories) से संबंधित है। यह प्रावधान राष्ट्रपति को कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम बनाने की शक्ति देता है, जो शांति, प्रगति, और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए होते हैं।
"(1) राष्ट्रपति, इस संविधान की सातवीं अनुसूची की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए, शांति, प्रगति और सुशासन के लिए नियम बना सकता है।
परंतु यह कि जब अनुच्छेद 239A के अधीन किसी केंद्रशासित प्रदेश में विधायी निकाय स्थापित किया गया हो, तब राष्ट्रपति उस केंद्रशासित प्रदेश के लिए तब तक कोई नियम नहीं बनाएगा, जब तक कि वह विधायी निकाय भंग या निलंबित न हो।
(2) इस अनुच्छेद के अधीन बनाया गया कोई नियम उस केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा द्वारा बनाई गई विधि के समान बल और प्रभाव रखेगा।
(3) ऐसा कोई नियम संसद के किसी अधिनियम से असंगत नहीं होगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 240 राष्ट्रपति को केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम बनाने की शक्ति देता है, जो शांति, प्रगति, और सुशासन को बढ़ावा देते हैं। यह शक्ति विशेष रूप से उन केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होती है, जो सातवीं अनुसूची की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं(जैसे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, आदि)। इसका लक्ष्य केंद्रशासित प्रदेशों में प्रभावी प्रशासन, केंद्र की सर्वोच्चता, और संघीय ढांचे में समन्वय सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से आंशिक रूप से प्रेरित है, जो केंद्र द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में नियम बनाने की शक्ति देता था। यह स्वतंत्र भारत में केंद्रशासित प्रदेशों की प्रशासकीय आवश्यकताओं को संबोधित करता है।
भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, यह प्रावधान उन केंद्रशासित प्रदेशों के लिए बनाया गया, जिनमें विधानसभा नहीं थी, ताकि राष्ट्रपति नियम बनाकर शासन सुनिश्चित कर सके। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्रशासित प्रदेशों में विधायी रिक्तता को भरने और प्रशासकीय दक्षता को बनाए रखने में सहायक है।
अनुच्छेद 240 के प्रमुख तत्व
खंड(1): राष्ट्रपति की शक्ति: राष्ट्रपति केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम बना सकता है, जो शांति, प्रगति, और सुशासन के लिए हों। यह शक्ति उन केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होती है, जो सातवीं अनुसूची की प्रथम अनुसूची में शामिल हैं। प्रतिबंध: यदि अनुच्छेद 239A के तहत किसी केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा स्थापित है(जैसे, पुडुचेरी), तो राष्ट्रपति तब तक नियम नहीं बनाएगा, जब तक कि विधानसभा भंग या निलंबित न हो। उदाहरण: 2025 में, राष्ट्रपति ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए पर्यावरण संरक्षण नियम बनाया।
खंड(2): नियमों का प्रभाव: राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए नियमों का वही बल और प्रभाव होगा, जो उस केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभा द्वारा बनाई गई विधि का होता है। उदाहरण: लक्षद्वीप में राष्ट्रपति के नियम ने स्थानीय कानून का कार्य किया।
खंड(3): संसद की सर्वोच्चता: राष्ट्रपति के नियम संसद के अधिनियम से असंगत नहीं होंगे। यदि संसद कोई विधि बनाती है, तो राष्ट्रपति का नियम प्रभावहीन हो सकता है।
महत्व: प्रशासकीय दक्षता: केंद्रशासित प्रदेशों में विधायी रिक्तता को भरना। केंद्र की सर्वोच्चता: राष्ट्रपति और संसद का नियंत्रण। लोकतांत्रिक शासन: सीमित स्वायत्तता वाले क्षेत्रों में शासन। संघीय ढांचा: केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों में समन्वय।
प्रमुख विशेषताएँ: राष्ट्रपति: नियम बनाने की शक्ति। केंद्रशासित प्रदेश: शांति और सुशासन। विधानसभा: भंग या निलंबित होने पर। संसद: अंतिम प्राधिकारी।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप जैसे क्षेत्रों के लिए नियम। 1975: पुडुचेरी में विधानसभा के निलंबन पर नियम बनाए गए। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में नियमों का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: राष्ट्रपति की शक्ति: नियमों के दुरुपयोग की आशंका। लोकतांत्रिक जवाबदेही: विधानसभा की अनुपस्थिति में जवाबदेही।न्यायिक समीक्षा: नियमों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 239: केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन। अनुच्छेद 239A: केंद्रशासित प्रदेशों में विधायिका। अनुच्छेद 239AA: दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान।
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jp Singh
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