Article 239 A of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 12:49:00
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 239A
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 239A
अनुच्छेद 239A भारतीय संविधान के भाग VIII(केंद्रशासित प्रदेश) में आता है। यह कुछ केंद्रशासित प्रदेशों में विधायी निकायों और मंत्रिपरिषद की स्थापना(Creation of local Legislatures or Council of Ministers or both for certain Union territories) से संबंधित है। यह प्रावधान संसद को कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विधानसभाएँ और मंत्रिपरिषद स्थापित करने की शक्ति देता है।
"(1) संसद, विधि द्वारा, किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए, जो सातवीं अनुसूची की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट है, एक विधायी निकाय या मंत्रिपरिषद या दोनों की स्थापना कर सकती है, जिसमें ऐसी शक्तियाँ और कर्तव्य होंगे, जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएँ।
(2) ऐसी कोई विधि, इस संविधान के किसी उपबंध के साथ असंगत नहीं होगी और विशेष रूप से अनुच्छेद 239 के उपबंधों के साथ असंगत नहीं होगी।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 239A संसद को केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा(स्थानीय विधायी निकाय) और/या मंत्रिपरिषद स्थापित करने की शक्ति देता है। यह स्थानीय शासन को बढ़ावा देता है, लेकिन केंद्र सरकार के नियंत्रण के अधीन। इसका लक्ष्य केंद्रशासित प्रदेशों में सीमित स्वायत्तता, लोकतांत्रिक भागीदारी, और संघीय ढांचे में केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच समन्वय सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान 7वें संशोधन(1956) द्वारा जोड़ा गया, जब केंद्रशासित प्रदेशों की संरचना को पुनर्गठित किया गया। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित नहीं है, बल्कि स्वतंत्र भारत की प्रशासकीय आवश्यकताओं को संबोधित करता है।
भारतीय संदर्भ: यह प्रावधान उन केंद्रशासित प्रदेशों के लिए बनाया गया, जो पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन जिनमें स्थानीय शासन की आवश्यकता थी(जैसे, पुडुचेरी)। प्रासंगिकता: यह प्रावधान केंद्रशासित प्रदेशों में लोकतांत्रिक ढांचे को सशक्त बनाता है।
अनुच्छेद 239A के प्रमुख तत्व
खंड(1): विधानसभा और मंत्रिपरिषद की स्थापना: संसद विधि द्वारा किसी केंद्रशासित प्रदेश के लिए:
विधायी निकाय(स्थानीय विधानसभा)। मंत्रिपरिषद(मंत्रियों का समूह)। या दोनों की स्थापना कर सकती है। इन निकायों की शक्तियाँ और कर्तव्य विधि द्वारा विनिर्दिष्ट होंगे। उदाहरण: पुडुचेरी में विधानसभा और मंत्रिपरिषद की स्थापना 1963 में संसद द्वारा की गई।
खंड(2): संवैधानिक अनुरूपता: ऐसी कोई विधि संविधान के उपबंधों, विशेष रूप से अनुच्छेद 239 के साथ असंगत नहीं होगी। यह सुनिश्चित करता है कि केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति के नियंत्रण में रहे। उदाहरण: पुडुचेरी की विधानसभा की शक्तियाँ अनुच्छेद 239 के अधीन हैं।
महत्व: लोकतांत्रिक भागीदारी: केंद्रशासित प्रदेशों में स्थानीय शासन। केंद्र का नियंत्रण: संसद और राष्ट्रपति की सर्वोच्चता। लोकतांत्रिक शासन: नागरिकों को प्रतिनिधित्व। संघीय ढांचा: केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों में समन्वय।
प्रमुख विशेषताएँ: संसद: विधानसभा और मंत्रिपरिषद की स्थापना। शक्तियाँ: विधि द्वारा विनिर्दिष्ट। अनुच्छेद 239: केंद्र का नियंत्रण। लोकतंत्र: सीमित स्वायत्तता।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1963: पुडुचेरी के लिए विधानसभा और मंत्रिपरिषद की स्थापना। 1991: दिल्ली के लिए अनुच्छेद 239AA द्वारा विशेष प्रावधान। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में विधानसभा कार्यवाही का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: स्वायत्तता की सीमा: केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा और केंद्र के बीच टकराव। संसद की शक्ति: स्थानीय शासन पर केंद्र का नियंत्रण।न्यायिक समीक्षा: विधानसभा की शक्तियों की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 239: केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन। अनुच्छेद 239AA: दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान। अनुच्छेद 240: केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नियम।
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