Recent Blogs

Article 218 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-04 11:30:01
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 218

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 218
अनुच्छेद 218 भारतीय संविधान के भाग VI(राज्य) के अंतर्गत अध्याय V(राज्य में उच्च न्यायालय) में आता है। यह संसद द्वारा बनाए गए कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों पर लागू होना(Application of certain provisions relating to Supreme Court to High Courts) से संबंधित है। यह प्रावधान सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित कुछ संवैधानिक प्रावधानों को उच्च न्यायालयों पर लागू करता है।
"अनुच्छेद 132, 133, 134 और 134क के उपबंध, यथासंनादि, उच्च न्यायालयों पर उसी प्रकार लागू होंगे, जैसे कि वे सर्वोच्च न्यायालय पर लागू होते हैं, और इस संदर्भ में उच्च न्यायालयों द्वारा पारित निर्णयों, डिक्रियों या अंतिम आदेशों को सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 218 सर्वोच्च न्यायालय से संबंधित अपील और अन्य प्रक्रियाओं के कुछ प्रावधानों को उच्च न्यायालयों पर लागू करता है। यह सुनिश्चित करता है कि उच्च न्यायालयों के निर्णयों, डिक्रियों, और आदेशों को सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए प्रस्तुत किया जा सके। इसका लक्ष्य न्यायपालिका की एकरूपता, लोकतांत्रिक शासन, और संघीय ढांचे में उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के बीच समन्वय को बनाए रखना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जो प्रांतीय उच्च न्यायालयों से अपील की प्रक्रिया को नियंत्रित करता था। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रणाली में प्रिवी काउंसिल तक अपील की परंपरा को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के बीच अपील प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए यह प्रावधान बनाया गया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान उच्च न्यायालयों के निर्णयों की अपील को सर्वोच्च न्यायालय तक सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 218 के प्रमुख तत्व
लागू प्रावधान: निम्नलिखित अनुच्छेदों के उपबंध उच्च न्यायालयों पर लागू होते हैं: अनुच्छेद 132: संवैधानिक मामलों में अपील। अनुच्छेद 133: दीवानी मामलों में अपील। अनुच्छेद 134: फौजदारी मामलों में अपील। अनुच्छेद 134क: विशेष अनुमति द्वारा अपील(SLP)। इन प्रावधानों के तहत उच्च न्यायालयों के निर्णय, डिक्री, या अंतिम आदेश सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए प्रस्तुत किए जा सकते हैं। उदाहरण: 2025 में, एक उच्च न्यायालय के दीवानी निर्णय को अनुच्छेद 133 के तहत सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई।
अपील की प्रक्रिया: उच्च न्यायालयों के निर्णयों को सर्वोच्च न्यायालय में अपील के लिए प्रस्तुत करने की प्रक्रिया इन अनुच्छेदों के अनुसार होगी। उदाहरण: एक फौजदारी मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को अनुच्छेद 134 के तहत अपील की गई।
महत्व: न्यायिक एकरूपता: उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के बीच समन्वय। न्याय तक पहुँच: अपील के माध्यम से न्याय सुनिश्चित। संघीय ढांचा: राज्यों और केंद्र के बीच न्यायिक संतुलन। लोकतांत्रिक शासन: न्यायिक प्रक्रिया की अखंडता।
प्रमुख विशेषताएँ: अपील: सर्वोच्च न्यायालय में। प्रावधान: अनुच्छेद 132, 133, 134, 134क। न्यायपालिका: एकरूपता और स्वायत्तता। संविधान: अपील प्रक्रिया का ढांचा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: उच्च न्यायालयों से सर्वोच्च न्यायालय में अपीलें नियमित। 1980 के दशक: संवैधानिक मामलों में अपीलों की संख्या में वृद्धि। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में अपील प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: अपीलों की संख्या: सर्वोच्च न्यायालय पर कार्यभार। विशेष अनुमति याचिका(SLP): दुरुपयोग के आरोप।न्यायिक समीक्षा: अपील की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 132: संवैधानिक मामलों में अपील। अनुच्छेद 133: दीवानी मामलों में अपील। अनुच्छेद 134क: विशेष अनुमति याचिका।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer