Article 214 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-04 11:21:17
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 214
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 214
अनुच्छेद 214 भारतीय संविधान के भाग VI(राज्य) के अंतर्गत अध्याय V(राज्य में उच्च न्यायालय) में आता है। यह प्रत्येक राज्य के लिए उच्च न्यायालय(High Courts for States) से संबंधित है। यह प्रावधान प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय की स्थापना को निर्धारित करता है।
"प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा: परंतु यह कि इस संविधान में कुछ भी अंतर्विष्ट नहीं है, जो यह उपबंध करता हो कि संसद विधि द्वारा यह उपबंध नहीं कर सकती कि एक से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय होगा।"
विस्तृत विश्लेषण
उद्देश्य: अनुच्छेद 214 प्रत्येक राज्य के लिए उच्च न्यायालय की स्थापना को सुनिश्चित करता है, जो राज्य स्तर पर न्यायिक प्रशासन का सर्वोच्च निकाय है। यह संसद को यह अधिकार देता है कि वह एक से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय स्थापित कर सकती है। इसका लक्ष्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक शासन, और संघीय ढांचे में राज्यों के लिए न्यायिक स्वायत्तता और एकरूपता को सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जो प्रांतीय उच्च न्यायालयों की स्थापना को नियंत्रित करता था। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रणाली में उच्च न्यायालयों की संरचना को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, प्रत्येक राज्य में स्वतंत्र न्यायिक ढांचे की स्थापना के लिए यह प्रावधान बनाया गया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान राज्यों में न्यायिक प्रशासन की नींव रखता है।
अनुच्छेद 214 के प्रमुख तत्व
राज्य के लिए उच्च न्यायालय: प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा। उदाहरण: 2025 में, उत्तर प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में है।
सामान्य उच्च न्यायालय: संसद को कानून द्वारा यह उपबंध करने का अधिकार है कि एक से अधिक राज्यों के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय हो सकता है। उदाहरण: गुवाहाटी उच्च न्यायालय असम, नगालैंड, मिजोरम, और अरुणाचल प्रदेश के लिए सामान्य है।
महत्व: न्यायिक स्वायत्तता: प्रत्येक राज्य में स्वतंत्र न्यायिक ढांचा। संघीय ढांचा: राज्यों की न्यायिक स्वायत्तता। लचीलापन: सामान्य उच्च न्यायालय की व्यवस्था। लोकतांत्रिक शासन: न्याय तक पहुँच सुनिश्चित।
प्रमुख विशेषताएँ: उच्च न्यायालय: प्रत्येक राज्य के लिए। संसद: सामान्य उच्च न्यायालय की शक्ति। न्यायपालिका: स्वतंत्रता और एकरूपता। संविधान: न्यायिक ढांचा।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: प्रत्येक राज्य में उच्च न्यायालय स्थापित। 1960 के दशक: पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में उच्च न्यायालयों की कार्यवाही का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: सामान्य उच्च न्यायालय: क्षेत्रीय असंतुलन के आरोप। न्यायिक स्वायत्तता: राज्यों की स्वतंत्रता पर बहस।न्यायिक समीक्षा: उच्च न्यायालयों की स्थापना पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 214A: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उच्च न्यायालय। अनुच्छेद 217: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति। अनुच्छेद 124: सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना।
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jp Singh
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