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Article 206 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-04 11:03:56
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 206

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 206
अनुच्छेद 206 भारतीय संविधान के भाग VI(राज्य) के अंतर्गत अध्याय IV(राज्य की कार्यपालिका) में आता है। यह लेखानुदान(Votes on account, votes of credit and exceptional grants) से संबंधित है। यह प्रावधान उन परिस्थितियों को नियंत्रित करता है जिनमें पूर्ण बजट पारित होने से पहले या विशेष परिस्थितियों में संचित निधि से धन के उपयोग की अनुमति दी जाती है।
"(1) इस संविधान में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य की विधानसभा को निम्नलिखित शक्तियाँ होंगी:
(क) किसी वित्तीय वर्ष के लिए अनुच्छेद 203 के अधीन अनुदान की माँगों पर विचार करने से पहले, उस वर्ष के एक भाग के लिए अनुदान की माँग को स्वीकार करने की शक्ति, जिसे लेखानुदान(vote on account) कहा जाता है;
(ख) ऐसी असाधारण परिस्थितियों में, जिनमें विधानसभा यह समझे कि तत्काल व्यय की आवश्यकता है, अनुदान की माँग को स्वीकार करने की शक्ति, जिसे लेख-ऋण(vote of credit) कहा जाता है;
(ग) असाधारण अनुदान(exceptional grant) की माँग को स्वीकार करने की शक्ति, जो इस संविधान के अधीन किसी अन्य उपबंध के अंतर्गत नहीं आता।
(2) अनुच्छेद 204 के उपबंध, यथास्थिति, इस अनुच्छेद के अधीन स्वीकृत अनुदानों के लिए लागू होंगे, जैसे कि वे अनुच्छेद 203 के अधीन स्वीकृत अनुदान थे।
(3) इस अनुच्छेद के अधीन स्वीकृत कोई भी अनुदान उस वित्तीय वर्ष के लिए अनुच्छेद 204 के अधीन प्रस्तुत विनियोग विधेयक में शामिल किया जाएगा।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 206 लेखानुदान(vote on account), लेख-ऋण(vote of credit), और असाधारण अनुदान(exceptional grant) के लिए प्रक्रिया को परिभाषित करता है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पूर्ण बजट पारित होने से पहले या आपातकालीन परिस्थितियों में सरकार के पास आवश्यक धन उपलब्ध हो। इसका लक्ष्य लोकतांत्रिक शासन, संवैधानिक जवाबदेही, और संघीय ढांचे में वित्तीय प्रक्रिया की निरंतरता और लचीलापन सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जो प्रांतीय सरकारों को अस्थायी वित्तीय अनुदानों की अनुमति देता था। यह ब्रिटिश संसदीय प्रणाली में अस्थायी वित्तीय व्यवस्थाओं की परंपरा को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, राज्यों में वित्तीय प्रबंधन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान बनाया गया, जो केंद्र में अनुच्छेद 116(संसद के लिए) के समानांतर है। प्रासंगिकता: यह प्रावधान सरकार को आपातकालीन या अस्थायी वित्तीय जरूरतों के लिए लचीलापन प्रदान करता है।
अनुच्छेद 206 के प्रमुख तत्व
खंड(1): विधानसभा की शक्तियाँ: विधानसभा को निम्नलिखित शक्तियाँ दी गई हैं
(क) लेखानुदान(Vote on Account): पूर्ण बजट पारित होने से पहले वित्तीय वर्ष के एक भाग के लिए अनुदान स्वीकार करना। यह सरकार को अस्थायी रूप से कार्य करने के लिए धन उपलब्ध कराता है। उदाहरण: 2025 में, मार्च में पूर्ण बजट से पहले अप्रैल-जून के लिए लेखानुदान पारित।
(ख) लेख-ऋण(Vote of Credit): असाधारण परिस्थितियों में तत्काल व्यय के लिए अनुदान स्वीकार करना। यह अप्रत्याशित या अनिश्चित राशि के लिए होता है। उदाहरण: आपदा राहत के लिए तत्काल लेख-ऋण स्वीकृत।
(ग) असाधारण अनुदान(Exceptional Grant): ऐसी माँगें जो अन्य संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत न हों। उदाहरण: विशेष परियोजना के लिए असाधारण अनुदान।
खंड(2): अनुच्छेद 204 का अनुपालन: लेखानुदान, लेख-ऋण, या असाधारण अनुदान के लिए अनुच्छेद 204(विनियोग विधेयक) के उपबंध लागू होंगे। इसका अर्थ है कि इन अनुदानों को विनियोग विधेयक में शामिल किया जाएगा। उदाहरण: लेखानुदान को विनियोग विधेयक में शामिल किया गया।
खंड(3): विनियोग विधेयक में समावेश: इस अनुच्छेद के तहत स्वीकृत सभी अनुदान विनियोग विधेयक में शामिल होंगे। उदाहरण: 2025 के विनियोग विधेयक में लेखानुदान शामिल।
महत्व: वित्तीय निरंतरता: पूर्ण बजट से पहले कार्यकारी खर्चों की सुविधा। लोकतांत्रिक जवाबदेही: विधानसभा का अनुदान पर नियंत्रण। संघीय ढांचा: राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता। लचीलापन: अप्रत्याशित परिस्थितियों में त्वरित वित्तीय व्यवस्था।
प्रमुख विशेषताएँ: लेखानुदान: अस्थायी व्यय। लेख-ऋण: आपातकालीन व्यय। असाधारण अनुदान: विशेष परिस्थितियाँ। विनियोग: विधेयक में समावेश।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: राज्यों ने लेखानुदान का उपयोग नियमित रूप से किया। 2010 के दशक: आपदा राहत के लिए लेख-ऋण स्वीकृत। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में लेखानुदान प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड।
चुनौतियाँ और विवाद: अनुदान का दुरुपयोग: असाधारण अनुदान पर सवाल। पारदर्शिता: लेख-ऋण के उपयोग पर विवाद।न्यायिक समीक्षा: अनुदान की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 202: वार्षिक वित्तीय विवरण। अनुच्छेद 203: अनुदान की माँगें। अनुच्छेद 204: विनियोग विधेयक। अनुच्छेद 116: संसद के लिए लेखानुदान।
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