Article 183 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-02 16:21:21
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 183
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 183
अनुच्छेद 183 भारतीय संविधान के भाग VI (राज्य) के अंतर्गत अध्याय III (राज्य का विधानमंडल) में आता है। यह विधान परिषद के सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, त्यागपत्र, और हटाने की प्रक्रिया (Vacation and resignation of, and removal from, the offices of Chairman and Deputy Chairman) से संबंधित है। यह प्रावधान सभापति और उपसभापति के पद रिक्त होने की परिस्थितियों और प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है।
अनुच्छेद 183 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार
"किसी राज्य की विधान परिषद का सभापति या उपसभापति:
(क) अपना पद तब रिक्त करेगा, जब वह विधान परिषद का सदस्य नहीं रहता;
(ख) किसी भी समय अपने पद से त्यागपत्र दे सकता है, जो वह विधान परिषद के उपसभापति या सभापति, जैसा कि मामला हो, को संबोधित करके लिखित में देगा; और
(ग) विधान परिषद द्वारा पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकता है, जो उस विधान परिषद के कुल सदस्यों के बहुमत से और उस समय उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई के समर्थन से पारित हो, परंतु ऐसा कोई संकल्प तब तक प्रभावी नहीं होगा, जब तक कि कम से कम चौदह दिन का नोटिस न दिया गया हो।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 183 विधान परिषद के सभापति और उपसभापति के पद रिक्त होने, त्यागपत्र देने, और हटाने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि इन पदों पर निरंतरता और निष्पक्षता बनी रहे, साथ ही विधान परिषद की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक जवाबदेही को बनाए रखा जाए। इसका लक्ष्य लोकतांत्रिक शासन, संवैधानिक जवाबदेही, और संघीय ढांचे में विधानमंडल की गरिमा को सुनिश्चित करना है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जो प्रांतीय विधान परिषदों के सभापतियों के लिए समान प्रक्रियाएँ निर्धारित करता था। यह ब्रिटिश संसदीय प्रणाली में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के नेतृत्व की परंपरा को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, विधान परिषद में नेतृत्व की स्थिरता और स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान बनाया गया, जो केंद्र में अनुच्छेद 94 (लोकसभा) और अनुच्छेद 179 (विधानसभा) के समानांतर है। प्रासंगिकता: यह प्रावधान सभापति और उपसभापति की जवाबदेही और हटाने की प्रक्रिया को औपचारिक बनाता है।
3. अनुच्छेद 183 के प्रमुख तत्व: खंड (क): सदस्यता समाप्त होने पर रिक्ति: यदि सभापति या उपसभापति विधान परिषद का सदस्य नहीं रहता, तो उनका पद स्वतः रिक्त हो जाता है। यह तब हो सकता है जब वे अयोग्य ठहरते हैं (अनुच्छेद 191) या त्यागपत्र देते हैं। उदाहरण: यदि सभापति अयोग्यता के कारण सदस्यता खो देता है, तो उसका पद रिक्त।
खंड (ख): त्यागपत्र: सभापति या उपसभापति किसी भी समय अपने पद से लिखित में त्यागपत्र दे सकता है। सभापति का त्यागपत्र उपसभापति को और उपसभापति का त्यागपत्र सभापति को संबोधित होता है। उदाहरण: 2025 में, किसी राज्य के सभापति ने व्यक्तिगत कारणों से त्यागपत्र दिया।
खंड (ग): हटाने की प्रक्रिया: सभापति या उपसभापति को विधान परिषद के संकल्प द्वारा हटाया जा सकता है। शर्तें: संकल्प को कुल सदस्यों के बहुमत और उपस्थित व मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई समर्थन की आवश्यकता। कम से कम 14 दिन का नोटिस देना अनिवार्य। उदाहरण: पक्षपात के आरोप में सभापति को हटाने का संकल्प।
4. महत्व: लोकतांत्रिक जवाबदेही: विधान परिषद की स्वायत्तता और निष्पक्षता। संवैधानिक ढांचा: नेतृत्व की स्थिरता और जवाबदेही। संघीय ढांचा: राज्यों की विधायी स्वायत्तता। निष्पक्षता: हटाने की कठिन प्रक्रिया से स्थिरता।
5. प्रमुख विशेषताएँ: रिक्ति: सदस्यता समाप्त होने पर। त्यागपत्र: लिखित और संबोधित। हटाना: दो-तिहाई बहुमत और नोटिस। स्वायत्तता: विधान परिषद का नियंत्रण।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: कई राज्यों में सभापतियों के त्यागपत्र और रिक्तियाँ। 1990 के दशक: हटाने के संकल्पों पर विवाद। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में त्यागपत्र और हटाने की प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड।
7. चुनौतियाँ और विवाद: राजनीतिक दुरुपयोग: हटाने के संकल्प में सत्तारूढ़ दल का प्रभाव। निष्पक्षता: सभापति की अयोग्यता पर विवाद। न्यायिक समीक्षा: हटाने की प्रक्रिया पर कोर्ट की जांच।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): संघीय ढांचा मूल ढांचे का हिस्सा। किहोतो होलोहान (1992): सभापति की भूमिका और अयोग्यता पर चर्चा।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत त्यागपत्र और हटाने का डिजिटल रिकॉर्ड। केंद्र-राज्य समन्वय पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच हटाने की प्रक्रिया पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 182: सभापति और उपसभापति का चुनाव। अनुच्छेद 181: हटाने के दौरान गैर-अध्यक्षता। अनुच्छेद 90: राज्यसभा के लिए समान प्रावधान।
11. विशेष तथ्य: दो-तिहाई बहुमत: हटाने की शर्त। 2025 रिकॉर्ड: डिजिटल प्रक्रिया। संघीय ढांचा: मूल ढांचा। निष्पक्षता: कठिन हटाने की प्रक्रिया।
Conclusion
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jp Singh
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