Recent Blogs

Article 170 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-02 15:54:48
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 170

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 170
अनुच्छेद 170 भारतीय संविधान के भाग VI (राज्य) के अंतर्गत अध्याय III (राज्य का विधानमंडल) में आता है। यह राज्य विधानसभा की संरचना (Composition of the Legislative Assemblies) से संबंधित है। यह प्रावधान राज्यों की विधानसभाओं के गठन, सदस्यों की संख्या, और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को परिभाषित करता है।
अनुच्छेद 170 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार
"(1) इस संविधान के उपबंधों और संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून की सीमा के अधीन, प्रत्येक राज्य की विधानसभा उन सदस्यों से मिलकर बनेगी, जो उस राज्य के लिए निर्धारित क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाएँ।
(2) इस अनुच्छेद के प्रयोजनों के लिए, प्रत्येक राज्य को क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में इस प्रकार विभाजित किया जाएगा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या और उसमें दी गई सीटों की संख्या का अनुपात, जहाँ तक संभव हो, पूरे राज्य में एकसमान रहे।
(3) प्रत्येक दसवें वर्ष में होने वाली जनगणना के पश्चात्, प्रत्येक राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों का पुनः समायोजन इस प्रकार किया जाएगा, जैसा कि संसद कानून द्वारा निर्धारित करे।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 170 राज्य विधानसभा की संरचना को परिभाषित करता है, जिसमें सदस्यों का प्रत्यक्ष निर्वाचन और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन शामिल है। यह सुनिश्चित करता है कि विधानसभा का गठन लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित हो और जनसंख्या के आधार पर समान प्रतिनिधित्व प्रदान करे। इसका लक्ष्य लोकतांत्रिक शासन, संवैधानिक जवाबदेही, और संघीय ढांचे में राज्यों की स्वायत्तता को बनाए रखना है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 की धारा 61 से प्रेरित है, जो प्रांतीय विधानसभाओं की संरचना को परिभाषित करता था। यह ब्रिटिश संसदीय प्रणाली में प्रत्यक्ष निर्वाचन और निर्वाचन क्षेत्रों की परंपरा को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, विधानसभाओं को लोकतांत्रिक शासन का आधार बनाया गया, और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किया गया। प्रासंगिकता: यह प्रावधान विधानसभाओं में समान प्रतिनिधित्व और लोकतांत्रिक जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
3. अनुच्छेद 170 के प्रमुख तत्व: खंड (1): विधानसभा की संरचना: प्रत्यक्ष निर्वाचन: विधानसभा के सदस्य क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाते हैं। यह लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है। संविधान और संसद की सीमा: विधानसभा की संरचना संविधान और संसद के कानूनों के अधीन है। उदाहरण: 2025 में, उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सदस्य प्रत्यक्ष निर्वाचन से।
खंड (2): निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन: प्रत्येक राज्य को क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है। जनसंख्या और सीटों का अनुपात: प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या और सीटों का अनुपात पूरे राज्य में एकरूप होना चाहिए। उदाहरण: परिसीमन आयोग द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों का समायोजन।
खंड (3): पुनः समायोजन: प्रत्येक दसवें वर्ष में होने वाली जनगणना के बाद, निर्वाचन क्षेत्रों का पुनः समायोजन किया जाता है। यह प्रक्रिया संसद द्वारा बनाए गए कानून (जैसे, परिसीमन अधिनियम) के तहत होती है। उदाहरण: 2002 परिसीमन के बाद, 2011 जनगणना के आधार पर समायोजन।
4. महत्व: लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व: प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व। समानता: जनसंख्या के आधार पर एकसमान प्रतिनिधित्व। संघीय ढांचा: राज्यों की विधायी स्वायत्तता। नवीकरण: जनगणना के आधार पर नियमित समायोजन।
5. प्रमुख विशेषताएँ: प्रत्यक्ष निर्वाचन: विधानसभा सदस्य। परिसीमन: जनसंख्या आधारित। पुनः समायोजन: जनगणना के बाद। संसद की शक्ति: कानून द्वारा नियंत्रण।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: विधानसभाओं का गठन प्रत्यक्ष निर्वाचन से। 2002 परिसीमन: परिसीमन आयोग द्वारा समायोजन। 2025 स्थिति: 2011 जनगणना के आधार पर वर्तमान संरचना।
7. चुनौतियाँ और विवाद: परिसीमन पर विवाद: क्षेत्रीय असमानताओं की शिकायतें। केंद्र-राज्य तनाव: संसद की शक्ति पर राज्यों की आपत्तियाँ। स्थगन: 84वें संशोधन (2001) द्वारा 2026 तक परिसीमन स्थगित।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): संघीय ढांचा मूल ढांचे का हिस्सा। किहोतो होलोहान (1992): विधानमंडल की संरचना पर चर्चा।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, परिसीमन पर चर्चा शुरू। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत निर्वाचन क्षेत्रों का डिजिटल रिकॉर्ड। केंद्र-राज्य समन्वय पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच परिसीमन पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 168: विधानमंडल की संरचना। अनुच्छेद 171: विधान परिषद की संरचना। अनुच्छेद 172: कार्यकाल।
11. विशेष तथ्य: 2002 परिसीमन: 2011 जनगणना आधार। 2026 तक स्थगन: 84वाँ संशोधन। संघीय ढांचा: मूल ढांचा। लोकतंत्र: प्रत्यक्ष निर्वाचन।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer