Article 166 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-02 15:46:42
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 166
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 166
अनुच्छेद 166 भारतीय संविधान के भाग VI (राज्य) के अंतर्गत अध्याय II (कार्यपालिका) में आता है। यह राज्य की कार्यपालिका के कार्यों का संचालन (Conduct of business of the Government of a State) से संबंधित है। यह प्रावधान राज्य सरकार के कार्यों को औपचारिक रूप से संचालित करने और उनके निष्पादन के लिए नियम निर्धारित करता है।
अनुच्छेद 166 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार
"(1) राज्य की कार्यपालिका की ओर से किए गए सभी कार्य राज्यपाल के नाम से व्यक्त किए जाएंगे और सभी कार्यकारी निर्णय, आदेश और अन्य लिखतें इस प्रकार सत्यापित की जाएंगी, जैसा कि इस संविधान के अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा निर्धारित हो।
(2) राज्य सरकार की ओर से किए गए और सत्यापित किए गए आदेशों और अन्य लिखतों को इस प्रकार से सत्यापित किया जाएगा कि उनकी प्रामाणिकता पर प्रश्न न उठाया जा सके।
(3) राज्यपाल, राज्य सरकार के कार्यों के संचालन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए नियम बनाएगा।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 166 राज्य सरकार के कार्यों को औपचारिक और व्यवस्थित रूप से संचालित करने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी कार्यकारी निर्णय और आदेश राज्यपाल के नाम पर हों और उनकी प्रामाणिकता संरक्षित रहे। इसका लक्ष्य संवैधानिक शासन, प्रशासकीय पारदर्शिता, और संघीय ढांचे में केंद्र-राज्य समन्वय को बनाए रखना है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 की धारा 59 से प्रेरित है, जो प्रांतीय सरकार के कार्यों के संचालन को परिभाषित करता था। यह ब्रिटिश संसदीय प्रणाली में कार्यकारी निर्णयों के औपचारिक निष्पादन की परंपरा को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, राज्य सरकार के कार्यों को औपचारिक रूप देने के लिए यह प्रावधान बनाया गया, जो केंद्र में अनुच्छेद 77 के समानांतर है। प्रासंगिकता: यह प्रावधान प्रशासकीय कार्यों में एकरूपता, प्रामाणिकता, और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
3. अनुच्छेद 166 के प्रमुख तत्व: खंड (1): कार्यों का निष्पादन: राज्यपाल के नाम पर कार्य: राज्य की कार्यपालिका की ओर से सभी कार्य और आदेश राज्यपाल के नाम से व्यक्त किए जाएंगे। यह राज्यपाल को संवैधानिक प्रमुख के रूप में स्थापित करता है। सत्यापन: सभी आदेश और लिखतें संविधान के नियमों के अनुसार सत्यापित की जाएंगी। उदाहरण: राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाएँ, जैसे नीतिगत आदेश, राज्यपाल के नाम पर।
खंड (2): प्रामाणिकता: आदेशों और लिखतों को इस प्रकार सत्यापित किया जाएगा कि उनकी प्रामाणिकता पर प्रश्न न उठे। यह प्रशासकीय दस्तावेजों की वैधता सुनिश्चित करता है। उदाहरण: मंत्रिपरिषद के निर्णयों को राजपत्र में प्रकाशित करना।
खंड (3): नियमों का निर्माण: राज्यपाल राज्य सरकार के कार्यों के संचालन और निर्णय लेने की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए नियम बनाएगा। ये नियम कार्य संचालन नियम (Rules of Business) कहलाते हैं। उदाहरण: प्रत्येक राज्य में कार्य संचालन नियम, जो मंत्रालयों के बीच कार्य विभाजन को परिभाषित करते हैं।
4. महत्व: प्रशासकीय एकरूपता: कार्यों का औपचारिक निष्पादन। संवैधानिक जवाबदेही: राज्यपाल के नाम पर कार्यों की प्रामाणिकता। संघीय ढांचा: केंद्र-राज्य समन्वय में व्यवस्था। पारदर्शिता: नियमों के तहत कार्य संचा
5. प्रमुख विशेषताएँ: राज्यपाल के नाम: सभी कार्यकारी निर्णय। सत्यापन: प्रामाणिकता सुनिश्चित। नियम: कार्य संचालन नियम। जवाबदेही: संवैधानिक ढांचा।
5. प्रमुख विशेषताएँ: राज्यपाल के नाम: सभी कार्यकारी निर्णय। सत्यापन: प्रामाणिकता सुनिश्चित। नियम: कार्य संचालन नियम। जवाबदेही: संवैधानिक ढांचा।
7. चुनौतियाँ और विवाद: राज्यपाल का स्वविवेक: कुछ मामलों में नियमों के दुरुपयोग की आलोचना। केंद्र-राज्य तनाव: केंद्र के प्रभाव में नियमों का निर्माण। न्यायिक समीक्षा: आदेशों की प्रामाणिकता पर कोर्ट की जांच।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): संघीय ढांचा मूल ढांचे का हिस्सा। सैम्सन बनाम आंध्र प्रदेश (2003): अनुच्छेद 166 के तहत आदेशों की प्रामाणिकता पर चर्चा।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, डिजिटल और पर्यावरण नीतियों के लिए आदेश। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत आदेशों का डिजिटल रिकॉर्ड। केंद्र-राज्य समन्वय पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच कार्य संचालन पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 77: केंद्र सरकार के कार्यों का संचालन। अनुच्छेद 163: मंत्रिपरिषद की सलाह। अनुच्छेद 164: मंत्रिपरिषद की नियुक्ति।
11. विशेष तथ्य: कार्य संचालन नियम: प्रशासकीय ढांचा। 2025 आदेश: डिजिटल रिकॉर्ड। संघीय ढांचा: मूल ढांचा। प्रामाणिकता: सत्यापन की गारंटी।
Conclusion
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jp Singh
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