Article 151 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-02 15:11:22
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 151
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 151
अनुच्छेद 151 भारतीय संविधान के भाग V (संघ) के अंतर्गत अध्याय V (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) में आता है। यह नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की लेखापरीक्षा रिपोर्ट (Audit Reports) से संबंधित है। यह प्रावधान CAG की लेखापरीक्षा रिपोर्ट को संसद और राज्य विधानसभाओं के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को परिभाषित करता है।
अनुच्छेद 151 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार
"(1) नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा भारत सरकार के खातों से संबंधित लेखापरीक्षा रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएगी, जो उसे संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा।
(2) नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा किसी राज्य के खातों से संबंधित लेखापरीक्षा रिपोर्ट उस राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत की जाएगी, जो उसे राज्य के विधानमंडल के समक्ष रखवाएगा।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 151 नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की लेखापरीक्षा रिपोर्ट को संसद और राज्य विधानसभाओं के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया निर्धारित करता है। इसका लक्ष्य वित्तीय पारदर्शिता, लोकतांत्रिक जवाबदेही, और सार्वजनिक धन के उपयोग की निगरानी सुनिश्चित करना है। यह सुनिश्चित करता है कि CAG की निष्पक्ष और स्वतंत्र लेखापरीक्षा जनप्रतिनिधियों के समक्ष उपलब्ध हो।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 की व्यवस्था से प्रेरित है, जो ऑडिटर-जनरल की रिपोर्ट को विधायिका के समक्ष प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को परिभाषित करता था। यह ब्रिटिश प्रणाली के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की भूमिका को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, CAG की स्वतंत्रता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए यह प्रावधान बनाया गया। प्रासंगिकता: डिजिटल युग में, CAG की रिपोर्ट डिजिटल परियोजनाओं और जटिल वित्तीय लेनदेन की जाँच में महत्वपूर्ण हैं।
3. अनुच्छेद 151 के प्रमुख तत्व: खंड (1): भारत सरकार की लेखापरीक्षा रिपोर्ट: CAG द्वारा भारत सरकार के खातों की लेखापरीक्षा रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाती है। राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के समक्ष रखवाता है। उदाहरण: CAG की रिपोर्ट में डिजिटल इंडिया या रक्षा खरीद में अनियमितताएँ उजागर करना।
खंड (2): राज्यों की लेखापरीक्षा रिपोर्ट: CAG द्वारा राज्य सरकार के खातों की लेखापरीक्षा रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत की जाती है। राज्यपाल इन रिपोर्टों को राज्य विधानमंडल (विधानसभा और, यदि लागू हो, विधान परिषद) के समक्ष रखवाता है। उदाहरण: किसी राज्य की स्वास्थ्य या शिक्षा योजना में अनियमितताओं की रिपोर्ट।
(iii) लोकतांत्रिक जवाबदेही: CAG की रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं के समक्ष प्रस्तुत होने से सार्वजनिक चर्चा और जवाबदेही सुनिश्चित होती है। संसद की लोक लेखा समिति (PAC) और राज्य विधानसभाओं की समितियाँ इन रिपोर्टों की समीक्षा करती हैं।
4. महत्व: वित्तीय पारदर्शिता: सरकारी खर्चों की निगरानी और अनियमितताओं का खुलासा। लोकतांत्रिक जवाबदेही: संसद और विधानसभाओं के समक्ष प्रस्तुति। भ्रष्टाचार रोकथाम: अनियमितताओं को उजागर कर सुधारात्मक कार्रवाई। संवैधानिक स्वतंत्रता: CAG की निष्पक्षता और स्वतंत्रता।
5. प्रमुख विशेषताएँ: रिपोर्ट प्रस्तुति: राष्ट्रपति और राज्यपाल। संसद और विधानमंडल: जवाबदेही का मंच। लोक लेखा समिति: समीक्षा की प्रक्रिया। पारदर्शिता: सार्वजनिक धन का उपयोग।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: 2G स्पेक्ट्रम घोटाला (2010): CAG की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत, ₹1.76 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान। कोयला खदान आवंटन (2012): CAG की रिपोर्ट ने आवंटन में अनियमितताएँ उजागर कीं। 2025 स्थिति: डिजिटल परियोजनाओं (जैसे डिजिटल इंडिया) और पर्यावरण निधियों की लेखापरीक्षा रिपोर्ट
7. चुनौतियाँ और विवाद: गैर-बाध्यकारी सिफारिशें: CAG की सिफारिशों को लागू करना सरकार पर निर्भर। विलंबित कार्रवाई: रिपोर्टों पर कार्रवाई में देरी। राजनीतिक दबाव: सरकार द्वारा CAG की स्वतंत्रता पर प्रभाव की आशंका।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): CAG की स्वतंत्रता मूल ढांचे का हिस्सा। अरविंद गुप्ता बनाम भारत संघ (2013): CAG की रिपोर्ट की वैधता की पुष्टि।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, डिजिटल परियोजनाओं और जलवायु परिवर्तन निधियों की रिपोर्ट। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत डिजिटल रूप में रिपोर्ट प्रस्तुति। साइबर और पर्यावरण निधियों पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच वित्तीय जवाबदेही पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 148: CAG की नियुक्ति। अनुच्छेद 149: CAG के कर्तव्य। अनुच्छेद 150: लेखा प्रपत्र।
11. विशेष तथ्य: 2G घोटाला (2010): CAG की संसद में प्रस्तुति। 2025 रिपोर्ट: डिजिटल, पर्यावरण। लोक लेखा समिति: समीक्षा की भूमिका। स्वतंत्रता: मूल ढांचा।
Conclusion
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