Recent Blogs

Article 149 of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-02 14:08:17
searchkre.com@gmail.com / 8392828781

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 150

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 150
अनुच्छेद 150 भारतीय संविधान के भाग V (संघ) के अंतर्गत अध्याय V (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) में आता है। यह संघ और राज्यों के खातों के प्रपत्र (Form of accounts of the Union and of the States) से संबंधित है। यह प्रावधान नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को राष्ट्रपति की सलाह पर संघ और राज्यों के खातों का प्रपत्र निर्धारित करने की शक्ति देता है।
अनुच्छेद 150 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी) के अनुसार: "संघ और राज्यों के खातों का प्रपत्र ऐसा होगा जैसा कि राष्ट्रपति, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की सलाह पर, आदेश द्वारा निर्धारित करे।"
विस्तृत विश्लेषण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 150 यह सुनिश्चित करता है कि संघ और राज्यों के खातों का प्रपत्र (format) एकसमान और व्यवस्थित हो। यह नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को राष्ट्रपति की सलाह पर खातों के प्रपत्र को निर्धारित करने की जिम्मेदारी देता है। इसका लक्ष्य वित्तीय पारदर्शिता, लेखा-जोखा में एकरूपता, और प्रभावी लेखापरीक्षा सुनिश्चित करना है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्रेरित है, जो वित्तीय लेखा-जोखा के लिए मानकीकरण की व्यवस्था करता था। यह ब्रिटिश प्रणाली के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की भूमिका को दर्शाता है। भारतीय संदर्भ: संविधान लागू होने पर, भारत के संघीय ढांचे में केंद्र और राज्यों के खातों को एकसमान प्रपत्र में रखने की आवश्यकता थी। प्रासंगिकता: डिजिटल युग में, यह प्रावधान डिजिटल लेखा-जोखा और पारदर्शी वित्तीय प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है।
3. अनुच्छेद 150 के प्रमुख तत्व
(i) खातों का प्रपत्र: संघ और राज्यों के खाते (जैसे संचित निधि, आकस्मिक निधि, और सार्वजनिक खाते) का प्रपत्र राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह प्रपत्र CAG की सलाह पर आधारित होता है। उदाहरण: भारत सरकार और राज्यों के बजट और लेखा-जोखा के लिए एकसमान प्रारूप।
(ii) CAG की सलाह: नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की विशेषज्ञता सुनिश्चित करती है कि खातों का प्रपत्र लेखापरीक्षा के लिए उपयुक्त हो। यह CAG की स्वतंत्रता और तकनीकी विशेषज्ञता को रेखांकित करता है। उदाहरण: CAG ने डिजिटल लेखा प्रणालियों के लिए मानक प्रारूप सुझाए।
(iii) राष्ट्रपति की भूमिका: राष्ट्रपति आदेश द्वारा प्रपत्र को अंतिम रूप देता है। यह प्रक्रिया संवैधानिक जवाबदेही को दर्शाती है।
4. महत्व: वित्तीय एकरूपता: केंद्र और राज्यों में खातों का मानकीकरण। पारदर्शिता: लेखापरीक्षा के लिए स्पष्ट और सुसंगत प्रपत्र। लोकतांत्रिक जवाबदेही: संसद और राज्य विधानसभाओं के समक्ष सटीक लेखा-जोखा। प्रभावी लेखापरीक्षा: CAG के लिए जाँच में आसानी।
5. प्रमुख विशेषताएँ: प्रपत्र निर्धारण: राष्ट्रपति द्वारा। CAG की सलाह: तकनीकी विशेषज्ञता। एकरूपता: केंद्र और राज्य। पारदर्शिता: लेखापरीक्षा के लिए।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: 1950 के बाद: CAG ने भारत सरकार अधिनियम, 1935 के प्रारूपों को संशोधित किया। 1990s: राज्यों के लिए मानकीकृत लेखा प्रपत्र। 2025 स्थिति: डिजिटल लेखा प्रणालियों (जैसे डिजिटल इंडिया) के लिए नए प्रपत्र।
7. चुनौतियाँ और विवाद: डिजिटल जटिलता: डिजिटल लेखा प्रणालियों के लिए प्रपत्र को अपडेट करने की चुनौती। केंद्र-राज्य समन्वय: राज्यों के साथ प्रपत्रों में एकरूपता की कमी। तकनीकी सीमाएँ: डिजिटल प्रणालियों में CAG की क्षमता।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती (1973): CAG की स्वतंत्रता मूल ढांचे का हिस्सा। अरविंद गुप्ता बनाम भारत संघ (2013): CAG की लेखापरीक्षा प्रक्रिया की पुष्टि।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। CJI: डी.वाई. चंद्रचूड़। CAG: गिरीश चंद्र मुरमू। 2025 में, डिजिटल परियोजनाओं और पर्यावरण निधियों के लिए प्रपत्र। प्रासंगिकता: डिजिटल संसद पहल के तहत लेखा-जोखा का डिजिटल प्रपत्र। साइबर और पर्यावरण निधियों पर जोर। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच वित्तीय पारदर्शिता पर बहस।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 148: CAG की नियुक्ति। अनुच्छेद 149: CAG के कर्तव्य। अनुच्छेद 151: CAG की रिपोर्ट।
11. विशेष तथ्य: डिजिटल प्रपत्र: 2025 में नया जोर। CAG की सलाह: तकनीकी विशेषज्ञता। एकरूपता: केंद्र-राज्य। स्वतंत्रता: मूल ढांचा।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh searchkre.com@gmail.com 8392828781

Our Services

Scholarship Information

Add Blogging

Course Category

Add Blogs

Coaching Information

Add Blogging

Add Blogging

Add Blogging

Our Course

Add Blogging

Add Blogging

Hindi Preparation

English Preparation

SearchKre Course

SearchKre Services

SearchKre Course

SearchKre Scholarship

SearchKre Coaching

Loan Offer

JP GROUP

Head Office :- A/21 karol bag New Dellhi India 110011
Branch Office :- 1488, adrash nagar, hapur, Uttar Pradesh, India 245101
Contact With Our Seller & Buyer