Article 119 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-07-02 12:27:29
searchkre.com@gmail.com /
8392828781
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 119
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 119
अनुच्छेद 119 भारतीय संविधान के भाग V (संघ) के अंतर्गत अध्याय II (संसद) में आता है। यह भारत की संचित निधि से धन की निकासी को विनियमित करने के लिए नियम बनाने की शक्ति (Regulation of procedure with respect to withdrawal of money from the Consolidated Fund of India) से संबंधित है। यह प्रावधान संसद को वित्तीय मामलों, विशेष रूप से संचित निधि से धन की निकासी को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।
अनुच्छेद 119 का पाठ संविधान के मूल पाठ (हिंदी अनुवाद) के अनुसार
"संसद, विधि द्वारा, इस संविधान के अधीन अनुच्छेद 112 से 117 तक के उपबंधों के संबंध में संसद में प्रक्रिया और कार्य संचालन को विनियमित करने के लिए नियम बना सकती है, और विशेष रूप से, भारत की संचित निधि से धन की निकासी के लिए उपबंध कर सकती है।"
विस्तृत विवरण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 119 संसद को वित्तीय मामलों और संचित निधि से धन की निकासी से संबंधित प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है। यह वित्तीय विधेयकों (जैसे, विनियोग विधेयक, वित्त विधेयक) और बजट प्रक्रिया को व्यवस्थित करने में मदद करता है। यह वित्तीय पारदर्शिता, लोकतांत्रिक जवाबदेही, और संवैधानिक संतुलन सुनिश्चित करता है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: यह प्रावधान ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से प्रेरित है, जहाँ वित्तीय प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने के लिए नियम बनाए जाते हैं। भारतीय संदर्भ: भारत में, यह प्रावधान संसद को वित्तीय प्रक्रिया में स्वायत्तता देता है, जिससे संचित निधि का उपयोग पारदर्शी और नियंत्रित तरीके से हो। प्रासंगिकता: यह बजट और वित्तीय विधेयकों की प्रक्रिया को सुचारु बनाता है।
3. अनुच्छेद 119 का विश्लेषण: संसद की शक्ति: संसद को विधि द्वारा नियम बनाने का अधिकार है, जो अनुच्छेद 112 (वार्षिक वित्तीय विवरण), 113 (मांगों की प्रक्रिया), 114 (विनियोग विधेयक), 115 (पूरक माँगें), 116 (लेखानुदान), और 117 (वित्तीय विधेयक) से संबंधित हैं। ये नियम संचित निधि से धन की निकासी को नियंत्रित करते हैं।
उदाहरण: लोकसभा और राज्यसभा की नियमावलियाँ (Rules of Procedure) में वित्तीय प्रक्रिया के लिए विशेष नियम शामिल हैं, जैसे विनियोग विधेयक पर चर्चा की प्रक्रिया। संविधान के अधीन: नियम संविधान के प्रावधानों के अनुरूप होने चाहिए।
4. महत्व: वित्तीय नियंत्रण: संचित निधि से धन की निकासी पर संसदीय निगरानी। प्रक्रियात्मक व्यवस्था: नियमों से वित्तीय प्रक्रिया सुचारु और पारदर्शी। लोकसभा की प्राथमिकता: वित्तीय मामलों में जनता के प्रतिनिधियों का नियंत्रण। संवैधानिक संतुलन: संसद और कार्यपालिका के बीच संतुलन।
5. प्रमुख विशेषताएँ: नियम बनाने की शक्ति: संसद के पास। वित्तीय प्रक्रिया: अनुच्छेद 112-117 से संबंधित। संचित निधि: निकासी का नियमन। संविधान के अधीन: नियमों की सीमा।
6. ऐतिहासिक उदाहरण: लोकसभा नियमावली: विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक की प्रक्रिया के लिए नियम। 2020 कोविड बजट: पूरक माँगों के लिए विशेष नियम लागू। 2025 बजट: डिजिटल और हरित ऊर्जा के लिए वित्तीय प्रक्रिया नियम।
7. चुनौतियाँ और विवाद: नियमों का दुरुपयोग: विपक्ष अक्सर नियमों के उपयोग पर सवाल उठाता है, जैसे सीमित चर्चा समय। प्रक्रियात्मक जटिलता: वित्तीय प्रक्रिया की जटिलता पर विपक्ष की शिकायत। न्यायिक समीक्षा: संसद की आंतरिक प्रक्रिया सामान्य रूप से समीक्षा के अधीन नहीं, लेकिन संवैधानिक उल्लंघन पर समीक्षा संभव।
8. न्यायिक व्याख्या: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973): संसद की प्रक्रिया मूल ढांचे के अधीन। रमेश्वर प्रसाद बनाम भारत संघ (2006): संसद की आंतरिक कार्रवाइयों पर सीमित समीक्षा।
9. वर्तमान संदर्भ (2025): वर्तमान स्थिति: लोकसभा: अध्यक्ष ओम बिरला। राज्यसभा: सभापति जगदीप धनखड़। राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू। 2025 में, डिजिटल संसद पहल के तहत वित्तीय प्रक्रिया के नियम डिजिटल रूप से रिकॉर्ड। प्रासंगिकता: विपक्ष ने वित्तीय चर्चा के लिए अधिक समय की माँग की। डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था के लिए नए नियमों पर चर्चा। राजनीतिक परिदृश्य: NDA और INDIA गठबंधन के बीच वित्तीय प्रक्रिया नियमों पर तनाव।
10. संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 112: वार्षिक वित्तीय विवरण। अनुच्छेद 113: मांगों की प्रक्रिया। अनुच्छेद 114: विनियोग विधेयक। अनुच्छेद 117: वित्तीय विधेयक।
11. विशेष तथ्य: 2025 बजट: डिजिटल और हरित ऊर्जा नियम। 2020 कोविड: पूरक माँगों के नियम। विपक्ष की शिकायत: चर्चा समय की कमी। लोकसभा नियम: वित्तीय प्रक्रिया का आधार।
Conclusion
Thanks For Read
jp Singh
searchkre.com@gmail.com
8392828781