Article 54 of the Indian Constitution
jp Singh
2025-06-28 12:47:07
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 54
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 54
अनुच्छेद 54 भारतीय संविधान के भाग V (संघ) के अंतर्गत अध्याय I (कार्यपालिका) में आता है। यह भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन (Election of the President) की प्रक्रिया को परिभाषित करता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का चुनाव एक व्यापक और प्रतिनिधित्वपूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से हो, जो भारत के संघीय ढांचे को दर्शाता है।
अनुच्छेद 54 का पाठ
संविधान के मूल पाठ (हिंदी अनुवाद) के अनुसार
"राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा, जिसमें शामिल होंगे—
(क) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, और
(ख) राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य।"
स्पष्टीकरण: "राज्यों" में संघ राज्य क्षेत्र शामिल हैं।
विस्तृत विवरण
1. उद्देश्य: अनुच्छेद 54 भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए एक निर्वाचक मंडल (Electoral College) की स्थापना करता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का चुनाव संघीय और प्रतिनिधित्वपूर्ण हो, जिसमें केंद्र (संसद) और राज्य (विधानसभाएँ) दोनों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हों। यह भारत के संघीय ढांचे को मजबूत करता है, क्योंकि राष्ट्रपति देश की एकता का प्रतीक होता है।
2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: औपनिवेशिक संदर्भ: ब्रिटिश शासन के दौरान, गवर्नर-जनरल की नियुक्ति ब्रिटिश क्राउन द्वारा की जाती थी। स्वतंत्रता के बाद, संविधान निर्माताओं ने एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता महसूस की जो लोकतांत्रिक और संघीय सिद्धांतों पर आधारित हो। संवैधानिक बहस: संविधान सभा में राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए दो मुख्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी
प्रत्यक्ष निर्वाचन: कुछ सदस्यों (जैसे, के.टी. शाह) ने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा हो।
अप्रत्यक्ष निर्वाचन: डॉ. बी.आर. आंबेडकर और अन्य ने अप्रत्यक्ष निर्वाचन का समर्थन किया, ताकि यह प्रक्रिया संसदीय प्रणाली के अनुरूप हो और केंद्र-राज्य संतुलन बना रहे। अंततः अप्रत्यक्ष निर्वाचन को चुना गया।
प्रेरणा: यह प्रावधान अमेरिकी संविधान (Electoral College) और आयरलैंड के संविधान (1937) से प्रभावित था, लेकिन भारत के संघीय ढांचे के अनुकूल बनाया गया।
3. निर्वाचक मंडल की संरचना: अनुच्छेद 54 के तहत, राष्ट्रपति का निर्वाचन निम्नलिखित निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है: संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य: लोकसभा: केवल निर्वाचित सदस्य (नामित सदस्य, जैसे एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए नामित, शामिल नहीं होते)।
राज्यसभा: केवल निर्वाचित सदस्य (नामित सदस्य, जैसे साहित्य या कला के लिए नामित, शामिल नहीं होते)। राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित
राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य:
सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों (जिनमें विधानसभा है, जैसे दिल्ली, पुडुचेरी) के निर्वाचित विधायक।
विधान परिषदों (MLCs) के सदस्य शामिल नहीं होते।
संघ राज्य क्षेत्र: 70वें संशोधन (1992) ने स्पष्ट किया कि "राज्यों" में संघ राज्य क्षेत्र (जैसे, दिल्ली, पुडुचेरी) शामिल हैं, जिनमें विधानसभा होती है।
संघ राज्य क्षेत्र: 70वें संशोधन (1992) ने स्पष्ट किया कि "राज्यों" में संघ राज्य क्षेत्र (जैसे, दिल्ली, पुडुचेरी) शामिल हैं, जिनमें विधानसभा होती है।
मतदान प्रणाली: राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) के आधार पर एकल हस्तांतरणीय मत (Single Transferable Vote) प्रणाली द्वारा होता है।
प्रत्येक मतदाता अपनी प्राथमिकता के क्रम में उम्मीदवारों को वोट देता है।
जीत के लिए उम्मीदवार को कुल वैध मतों का 50% से अधिक (कोटा) प्राप्त करना होता है।
यदि कोई उम्मीदवार पहली गिनती में कोटा प्राप्त नहीं करता, तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को हटाकर उनके वोटों की दूसरी प्राथमिकता को स्थानांतरित किया जाता है।
सभी मतों का मूल्य समान नहीं होता। यह भारत के संघीय ढांचे को संतुलित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विधायकों के मत का मूल्य: प्रत्येक राज्य विधानसभा के सदस्य के मत का मूल्य राज्य की जनसंख्या के आधार पर गणना की जाती है।
Conclusion
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jp Singh
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