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Government to Citizen
jp Singh 2025-06-03 13:31:34
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ई-गवर्नेंस क्या है/Government to Citizen

ई-गवर्नेंस क्या है/Government to Citizen
परिभाषा: ई-गवर्नेस सरकारी सेवाओं, सूचनाओं और प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदान करने की प्रणाली है, जिसका उद्देश्य प्रशासन को सरल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाना है।
प्रमुख क्षेत्र
G2C (Government to Citizen): नागरिकों को सेवाएँ, जैसे आधार, पासपोर्ट सेवा, या डिजिटल लॉकर। G2B (Government to Business): व्यवसायों के लिए लाइसेंस, कर भुगतान, या व्यापार सुगमता। G2G (Government to Government): विभिन्न सरकारी विभागों के बीच डेटा और संसाधन साझा करना। G2E (Government to Employee): कर्मचारियों के लिए डिजिटल उपकरण, जैसे पेरोल प्रणाली।
भारत में ई-गवर्नेंस की स्थिति
भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया पहल (2015 में शुरू) के तहत ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया है। कुछ प्रमुख पहल और उपलब्धियाँ
आधार (Aadhaar)
दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक डेटाबेस, जिसके तहत 1.3 अरब से अधिक लोगों को विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की गई। उपयोग: सब्सिडी वितरण, बैंक खाता खोलना, और KYC प्रक्रियाओं में।
डिजिटल लॉकर (DigiLocker)
नागरिकों के लिए दस्तावेजों (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, मार्कशीट) को डिजिटल रूप में संग्रहित करने की सुविधा। 2025 तक, लाखों नागरिक डिजिलॉकर का उपयोग कर रहे हैं।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)
डिजिटल भुगतान को सरल और त्वरित बनाया, जिससे सरकारी और निजी लेनदेन में वृद्धि हुई। 2024 में UPI लेनदेन की मात्रा 100 अरब से अधिक हो चुकी है (NPCI डेटा)।
माईगव (MyGov)
नागरिकों और सरकार के बीच संवाद का मंच, जहाँ लोग नीति निर्माण में सुझाव दे सकते हैं।
ई-नाम (e-NAM)
राष्ट्रीय कृषि बाजार, जो किसानों को उनकी उपज ऑनलाइन बेचने की सुविधा देता है। 2025 तक, 1000+ मंडियों को e-NAM से जोड़ा गया है।
स्मार्ट सिटी मिशन
100 स्मार्ट शहरों में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास, जैसे स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन और डिजिटल गवर्नेंस।
भारत नेट (BharatNet)
ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुँचाने की परियोजना। 2025 तक, 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा गया है।
ई-गवर्नेंस के लाभ
पारदर्शिता: भ्रष्टाचार में कमी, क्योंकि प्रक्रियाएँ डिजिटल और ट्रैक करने योग्य हैं। सुलभता: नागरिक घर बैठे सेवाएँ प्राप्त कर सकते हैं, जैसे ऑनलाइन कर भुगतान या प्रमाणपत्र। कुशलता: कागजी काम कम होने से समय और लागत की बचत। समावेशिता: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक सेवाएँ पहुँचाना। आर्थिक प्रभाव: डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, जैसे UPI ने वित्तीय समावेशन में योगदान दिया।
चुनौतियाँ
डिजिटल डिवाइड: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता की कमी। साइबर सुरक्षा: डेटा चोरी और साइबर हमलों का खतरा (उदाहरण: आधार डेटा लीक की चिंताएँ)। बुनियादी ढांचा: ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट की अनियमित उपलब्धता। भाषाई बाधाएँ: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्षेत्रीय भाषाओं का सीमित उपयोग। प्रशिक्षण: सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों में डिजिटल साक्षरता की कमी।
भारत में हाल के आँकड़े (2025 तक)
डिजिटल इंडिया के तहत 2024 में डिजिटल लेनदेन में 44% की वृद्धि (RBI डेटा)। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2025 तक $1 ट्रिलियन की ओर अग्रसर (McKinsey अनुमान)। ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ता 2024 में 350 मिलियन से अधिक (TRAI डेटा)।
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