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Qayumras
jp Singh 2025-05-23 15:06:24
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कयूमरस (1290)

कयूमरस (1290)
पृष्ठभूमि: कैकुबाद का पुत्र, जो केवल कुछ महीनों के लिए नाममात्र का सुल्तान रहा।
शासन: वह केवल एक कठपुतली शासक था और जल्द ही जलालुद्दीन खिलजी ने उसे हटा दिया।
अंत: 1290 में खिलजी वंश की स्थापना के साथ गुलाम वंश पूरी तरह समाप्त हो गया।
गुलाम वंश की विशेषताएँ और योगदान
1. प्रशासन: गुलाम वंश ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी और केंद्रीकृत शासन की शुरुआत की। इक्ता प्रणाली, सिक्का प्रणाली, और जासूसी व्यवस्था जैसे सुधारों ने प्रशासन को मजबूत किया।
2. सैन्य संगठन: मंगोल आक्रमणों से सल्तनत की रक्षा करना इस वंश की सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसमें इल्तुतमिश और बल्बन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. सांस्कृतिक योगदान: इस्लामी स्थापत्य को बढ़ावा मिला, जैसे कुतुब मीनार, सुल्तान गढ़ी, और अढ़ाई दिन का झोपड़ा। फारसी संस्कृति और साहित्य को संरक्षण दिया गया।
4. चुनौतियाँ: तुर्की अमीरों (चहलगान) की शक्ति और उनके बीच आंतरिक टकराव ने सल्तनत को बार-बार अस्थिर किया। मंगोल आक्रमण और स्थानीय हिंदू राजाओं के विद्रोह भी प्रमुख समस्याएँ थीं।
गुलाम वंश का अंत
1290 में जलालुद्दीन खिलजी द्वारा कैकुबाद की हत्या और कयूमरस को हटाने के साथ गुलाम वंश का अंत हुआ। इसके बाद खिलजी वंश ने सत्ता संभाली।
गुलाम वंश का शासनकाल केवल 84 वर्षों का था, लेकिन इसने दिल्ली सल्तनत की नींव को मजबूत किया, जो बाद के राजवंशों के लिए आधार बना।
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