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Article 258A of the Indian Constitution
jp Singh 2025-07-05 10:48:20
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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 258A

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 258A
अनुच्छेद 258A भारतीय संविधान के भाग XI(केंद्र और राज्यों के बीच संबंध) के अध्याय II(प्रशासनिक संबंध) में आता है। यह राज्य द्वारा अपनी कार्यकारी शक्ति का केंद्र को हस्तांतरण(Power of the States to entrust functions to the Union) से संबंधित है। यह प्रावधान किसी राज्य को अपनी सहमति से अपनी कार्यकारी शक्तियों को केंद्र सरकार को सौंपने की अनुमति देता है, जिससे सहकारी संघवाद को बढ़ावा मिलता है। यह अनुच्छेद 1958 में 7वें संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ा गया था।
"इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य का विधानमंडल, अपनी सहमति से, इस संविधान के अधीन उसकी कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आने वाले किसी कार्य को केंद्र सरकार को सौंप सकता है।"
उद्देश्य: अनुच्छेद 258A राज्य सरकार को अपनी कार्यकारी शक्तियों को, जो संविधान के तहत उनके अधिकार क्षेत्र में हैं(विशेष रूप से राज्य सूची या समवर्ती सूची के विषय), केंद्र सरकार को सौंपने की अनुमति देता है, बशर्ते राज्य की सहमति हो। यह प्रावधान सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है, जिसमें राज्य स्वेच्छा से केंद्र के साथ अपने कार्य साझा कर सकते हैं। इसका लक्ष्य प्रशासनिक दक्षता, राष्ट्रीय एकता, और केंद्र-राज्य समन्वय को सुनिश्चित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: संवैधानिक ढांचा: अनुच्छेद 258A को 7वें संवैधानिक संशोधन(1958) द्वारा जोड़ा गया। यह भारत सरकार अधिनियम, 1935 की भावना से प्रेरित है, जिसमें प्रांतों और केंद्र के बीच सहयोग की व्यवस्था थी। भारतीय संदर्भ: भारत के संघीय ढांचे में राज्यों को अपने कार्यों को केंद्र के साथ साझा करने की आवश्यकता थी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां केंद्र के पास बेहतर संसाधन या विशेषज्ञता थी। प्रासंगिकता: यह प्रावधान राज्यों को राष्ट्रीय महत्व के कार्यों में केंद्र के साथ सहयोग करने की अनुमति देता है, जैसे पर्यावरण, शिक्षा, या डिजिटल नीतियाँ।
अनुच्छेद 258A के प्रमुख तत्व
राज्य की सहमति से शक्ति हस्तांतरण: राज्य का विधानमंडल, अपनी सहमति से, अपनी कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आने वाले कार्यों को केंद्र सरकार को सौंप सकता है। यह कार्य राज्य सूची(जैसे, कृषि, पुलिस) या समवर्ती सूची(जैसे, शिक्षा, आपराधिक कानून) के विषयों से संबंधित हो सकते हैं। उदाहरण: 2025 में, तमिलनाडु ने डिजिटल स्वास्थ्य नीति(समवर्ती सूची) के कार्यान्वयन को केंद्र को सौंपने का निर्णय लिया।
सहमति-आधारित दृष्टिकोण: यह प्रावधान स्वैच्छिक है, जिसका अर्थ है कि राज्य बिना दबाव के अपनी शक्तियाँ केंद्र को सौंप सकते हैं। यह सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाता है। उदाहरण: 2025 में, गुजरात ने पर्यावरण संरक्षण(राज्य सूची) के लिए केंद्र को कार्य सौंपा।
महत्व: सहकारी संघवाद: केंद्र और राज्यों के बीच स्वैच्छिक सहयोग। प्रशासनिक दक्षता: केंद्र के संसाधनों और विशेषज्ञता का उपयोग। राष्ट्रीय एकता: राष्ट्रीय नीतियों का एकसमान कार्यान्वयन। न्यायिक समीक्षा: हस्तांतरण की वैधता और सहमति पर कोर्ट की निगरानी।
प्रमुख विशेषताएँ: शक्ति हस्तांतरण: राज्य से केंद्र को। सहमति: स्वैच्छिक और विधानमंडल द्वारा। संघीय ढांचा: सहकारी संघवाद। लचीलापन: प्रशासनिक समन्वय।
ऐतिहासिक उदाहरण: 1960 के दशक: कुछ राज्यों ने शिक्षा और स्वास्थ्य नीतियों के लिए केंद्र को कार्य सौंपे। 2010 के दशक: पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा नीतियों के लिए कार्य हस्तांतरण। 2025 स्थिति: डिजिटल युग में डिजिटल स्वास्थ्य और पर्यावरण नीतियों के लिए कार्य हस्तांतरण।
चुनौतियाँ और विवाद: केंद्र-राज्य तनाव: राज्यों द्वारा अपनी शक्तियों के हस्तांतरण पर आपत्ति। सहमति की प्रक्रिया: सहमति की स्वैच्छिकता और पारदर्शिता पर सवाल। न्यायिक समीक्षा: हस्तांतरण की वैधता पर कोर्ट की जाँच।
संबंधित प्रावधान: अनुच्छेद 256: राज्यों का दायित्व। अनुच्छेद 257: केंद्र के निर्देश। अनुच्छेद 258: केंद्र द्वारा राज्यों को शक्ति हस्तांतरण। सातवीं अनुसूची: तीन सूचियाँ।
Conclusion
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