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praacheen bhaarateey itihaas ke srot
jp Singh 2025-05-17 15:30:51
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प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत

प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में हमे जानकारियाँ हमे चार प्रकार से होती है 1. धर्म ग्रन्थ 2. ऐतहासिक एवं समसामियक 3. विदेशियों के विवरण 4. पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य धर्म ग्रन्थ - प्राचीन कल से भारत में मुख्यतः तीन धर्म प्रचलित है बौद्ध धर्म , जैन धर्म एवं वैदिक धर्म वैदिक धर्म ग्रंथो को ब्रम्हामड धर्म ग्रन्थ भी कहते है
1. धार्मिक और आध्यात्मिक स्रोत / लिखित स्रोत (Written Sources):
लिखित स्रोतों में प्राचीन भारतीय साहित्य, शास्त्र, और अभिलेख आते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्रोत हैं:
भगवद गीता और वेदांत: ये ग्रंथ प्राचीन भारतीय धर्म और जीवन की नैतिकता, कर्म, भक्ति और ज्ञान के विचारों पर आधारित हैं। गीता में धर्म और कर्म के संबंध में गहरे दार्शनिक दृष्टिकोण मिलते हैं।
वेद: वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) प्राचीन भारतीय इतिहास के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण साहित्यिक स्रोत हैं। वेदों में धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी मिलती है।
बौद्ध धर्म और जैन धर्म: बौद्ध और जैन धर्म के ग्रंथ, जैसे
उपनिषद: वेदों के बाद के ग्रंथ हैं जो दार्शनिक और आध्यात्मिक विचारों को व्यक्त करते हैं। इनसे प्राचीन भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक धारा का पता चलता है।
तंत्रशास्त्र: तंत्रवादी साहित्य और ग्रंथ भी प्राचीन भारतीय समाज की धार्मिक और आध्यात्मिक धारा को समझने में मदद करते हैं। ये ग्रंथ विशेषकर मध्यकाल में प्रचलित हुए, लेकिन इनका प्रभाव प्राचीन काल पर भी था।
महाकाव्य: महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य प्राचीन भारतीय समाज, संस्कृति, और राजनीति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। इन काव्यों में युद्धों, समाज, धर्म और नीतियों का वर्णन मिलता है।
पुराण: पुराण भारतीय इतिहास और मिथक कथाओं का संग्रह होते हैं, जो राजा-रानी, देवताओं और विभिन्न वंशों के बारे में जानकारी देते हैं।
सूत्र ग्रंथ: इनमें धर्मशास्त्र, न्यायशास्त्र, और काव्यशास्त्र शामिल हैं, जो प्राचीन भारतीय समाज के नैतिक और कानूनी पहलुओं को दर्शाते हैं। जैसे कि मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, और अन्य।
अभिलेख (Inscriptions): प्राचीन भारतीय शासकों द्वारा खुदवाए गए अभिलेख (कनिष्क, अशोक, चंद्रगुप्त आदि) महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत हैं। इनसे शासन, प्रशासन, युद्धों और सामाजिक व्यवस्था के बारे में जानकारी मिलती है।
2. सामग्री स्रोत (Material Sources):
प्राचीन भारतीय इतिहास का अध्ययन पुरातात्त्विक सामग्री से भी किया जाता है, जो निम्नलिखित होते हैं:
मुद्राएँ (Coins): प्राचीन सिक्कों से आर्थिक स्थिति, शासकों की पहचान, और व्यापार संबंधी जानकारी मिलती है।
प्राचीन स्थल और अवशेष (Excavated Sites and Remains): पुरातात्त्विक खुदाई से प्राप्त स्थल, जैसे कि मोहनजोदाड़ो, हड़प्पा, काशी, और भरहुत से प्राप्त बर्तन, मूर्तियाँ, घरों के अवशेष, आदि प्राचीन भारतीय समाज की संस्कृति, कला, और जीवनशैली को समझने में मदद करते हैं।
वास्तुकला (Architecture): प्राचीन मंदिरों, महलों, और किलों की संरचनाएँ, जैसे कि अजंता और एल्लोरा की गुफाएँ, गुप्त काल के स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
3. साक्षात्कार और यात्रा विवरण (Travel Accounts and Chronicles):
कुछ विदेशी यात्रियों और विद्वानों के यात्रा वृतांतों से भी प्राचीन भारत के बारे में जानकारी मिलती है:
हुआन त्सांग (Xuanzang): चीन के प्रसिद्ध यात्री हुआन त्सांग ने सातवीं शताब्दी में भारत का दौरा किया और भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
फाहियान: चौथी और पांचवीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री फाहियान ने भारतीय समाज, धर्म, और संस्कृति के बारे में जानकारी दी।
अलेक्ज़ेंडर के अभियान (Alexander's Campaign): सिकंदर के भारत पर आक्रमण से संबंधित लेखों में भारत के पश्चिमी भाग की सामाजिक, राजनीतिक और सैन्य स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
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