विकास बहुत परेशान था और घर के बहार चुप चाप बैठा रहता तभी वहा एक आदमी आया और उस आदमी ने उसे राजस्थान के बगड़ धाम श्री जाहरवीर बाबा का रास्ता बताया और कहा कि तुम्हारी समस्या का समाधान केवल बगड़ धाम में ही मिल सकता है। तभी विकास अपने दोस्त पवन के साथ राजस्थान के बगड़ धाम पहुंचा। उसने वहां एक जोगी को पूरी बात बताई। जोगी ने सारी बातें सोची और कहा कि तुम बाबा जाहरवीर के मंदिर में जाकर माथा टेको, फिर मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे घर चलूंगा।
जोगी बाबा उसके साथ उसके घर आते और उसे देखते ही कहते कि यह कोई साधारण आत्मा नहीं है, तुम्हें पूजा करनी होगी।
जोगी पूजा करने लगते और वह आत्मा विकास की पत्नी के सिर आ जाती और बाबा के सामने आकर चिल्लाती और कहती तू भी यह से चला जा वार्ना मै तुझे मार डालूँगी ,
जिसे देखकर सभी परिवार वाले घबरा जाते और डर जाते। बाबा आत्मा से पूछते | कौन है तू खा से आई है और क्या चाहती है वो आत्मा और कोई नहीं, बल्कि विकास की छोटी बहन नेहा थी,
वही बहन नेहा जिसे उसने बचपन से अपने बच्चे की तरह पाला था और उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था।
बाबा ने पूछा बताओ तुम कौन हो और क्या करने आई हो, तब उस आत्मा ने रोते और सिसकिया भरते हुए बताया और अपने भाई विकास की तरफ देखते हुए कहा उससे पूछो मैं कौन हूं
, तब विकास को लगा कि वो मेरी बहन नेहा है जिसे मैंने अपने हाथों से मार डाला था ।
आपको बता दें कि विकास की छोटी बहन नेहा एक लड़के से प्यार करती थी, वह उस लड़के से बहुत प्यार करने लगी थी और उससे शादी करना चाहती थी,
लेकिन उसके भाई विकास को ये मंजूर नहीं था और वो अपनी बहन नेहा की शादी किसी और लड़के से तय कर देता |
ये सब देखकर नेहा उस लड़के के साथ घर से भाग गई जिससे वो प्यार करती थी।
जब विकास को पता चला तो वह बहुत क्रोधित हुआ और उसने अपने दोस्त पवन के साथ मिलकर एक योजना बनाई
और अपनी बहन से प्यार से बात करके उसे एक जंगल में बुलाया और अपने दोस्त पवन के साथ मिलकर अपनी बहन नेहा
और उसके पति को मार डाला और उन्हें उसी जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया।
अब विकास को पता चल गया कि यह मेरी बहन नेहा है जिसे मैंने और मेरे दोस्त पवन ने बेरहमी से मार डाला था
अब विकास के पास पश्चाताप करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। विकास ने अपनी गलती स्वीकार की और अपनी बहन नेहा से माफ़ी मांगी।
नेहा ने कहा, "भैया, ऐसा पाप फिर कभी मत करना। आपकी एक बेटी भी है। उसके साथ ऐसा मत करना।" उसने कहा और हमेशा के लिए वहाँ से चली गयी ।
विकास ने भी अपनी गलती स्वीकार की और उस जगह गया जहाँ उसने नेहा और उसके पति को दफनाया था और वहाँ से उनकी अस्थियाँ लेकर गंगा में विसर्जित कर दीं।
मैंने यह कहानी आपके साथ इसलिए शेयर की है ताकि किसी बहन को फिर ऐसी मौत न मरनी पड़े।
यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है पूरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद